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॥महामहनीय! मेधाविन्! त्वदीयं स्वागतं कुर्मः॥

Namaste. I, Dr. Srimanta Bhadra, Head & Assistant Professor, PG Department of Sanskrit, Raja Narendra Lal Khan Women's College (Autonomous), will share various study materials here related to Sanskrit language, literature and scripture especially Sanskrit Grammar. Let me know your feedback in the comments. It will encourage me and do not forget to comment your favourite topics which you want to read in future.
अवनितलं पुनरवतीर्णा स्यात् संस्कृतगङ्गाधारा
Thanks & Regards
Dr. Srimanta Bhadra

Wednesday, April 7, 2021

वरदराजाचार्यप्रणीता लघुसिद्धान्तकौमुदी  ॥अथ लघुसिद्धान्तकौमुद्याम् अजन्तपुंल्लिङ्गाः॥ ११५. अर्थवदधातुरप्रत्ययः प्रातिपदिकम् (१.२.४५)॥ धात...
वरदराजाचार्यप्रणीता लघुसिद्धान्तकौमुदी ॥अथ लघुसिद्धान्तकौमुद्यां विसर्गसन्धिः॥ १०३. वा शरि (८.३.३६)॥ शरि विसर्गस्य विसर्गो वा। हरिः शेते, ...

Tuesday, April 6, 2021

वरदराजाचार्यप्रणीता लघुसिद्धान्तकौमुदी ॥अथ लघुसिद्धान्तकौमुद्यां हल्सन्धिः॥ ६२. स्तोः श्चुना श्चुः (८.४.४०)॥ सकारतवर्गयोः शकारचवर्गाभ्यां ...
वरदराजाचार्यप्रणीता लघुसिद्धान्तकौमुदी ॥अथ लघुसिद्धान्तकौमुद्याम् अच्सन्धिः॥ १५. इको यणचि (६.१.७७)॥ इकः स्थाने यण् स्यादचि संहितायां विषये...
वरदराजाचार्यप्रणीता लघुसिद्धान्तकौमुदी नत्वा सरस्वतीं देवीं शुद्धां गुण्यां करोम्यहम्। पाणिनीयप्रवेशाय लघुसिद्धान्तकौमुदीम्॥ अइउण्॥ १॥  ऋऌक्...
भर्तृहरिप्रणीतं नीतिशतकम् दिक्कालाद्यनवच्छिन्नानन्तचिन्मात्रमूर्त्तये। स्वानुभूत्येकमानाय नम: शान्ताय तेजसे॥१॥   यां चिन्तयामि सततं मय...